BREAKING NEWS:
  • Sunday, 22 Dec, 2024
  • 8:31:26 AM

रोहतक में कैंसर से हुई सर्वाधिक मौत: वाजपेयी तीन साल में मृत्कों की संख्या दो गुणा से अधिक बढ़ी कैंसर की दृष्टि से हरियाणा के आठ जिले संवेदनशील

रोहतक। हरियाणा में कैंसर इतनी तेजी से फैल रहा है कि वर्ष 2016 में रोहतक जिले में कैंसर के कारण सर्वाधिक मौत के मामले दर्ज किए गए हैं। कैंसर के मामले में हरियाणा की स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है। हरियाणा में तीन साल के भीतर कैंसर रोग से मरने वालों की संख्या में दो गुणा से अधिक वृद्धि हुई है। यह हरियाणा जैसे छोटे एवं खुशहाल प्रांत के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मैक्स अस्पताल शालीमार बाग नई दिल्ली में मेडिकल ओंकोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ.पीयुष वाजपेयी, सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ.सौरभ गुप्ता और ब्रेस्ट ओंकोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ.वेद पद्मा प्रिया ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा हालही में सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 में जहां कैंसर का शिकार 1845 लोगों की मौत हुई थी वहीं वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 3668 तक पहुंच गया। 
उन्होंने बताया कि देश में इस समय करीब 30 लाख लोग कैंसर से पीडि़त हैं और हर साल पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। हरियाणा के लोगों को कैंसर के विरूद्ध सामूहिक लड़ाई लडऩे की अपील करते हुए डॉ.वेद पदमा प्रिया ने कहा कि महिलाओं में स्तन कैंसर और सरवाइकल कैंसर तेजी से फैल रहा है। कुछ समय पहले तक पचास वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को कैंसर होता था वहीं अब 30 से 35 प्रतिशत के करीब महिला रोगियों की उम्र 50 वर्ष से कम होती है। आश्चर्यजनक बात यह है कि स्तन कैंसर के पचास फीसदी केसों में महिला रोगियों की आयु 25 से 50 वर्ष है। 
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ.पीयुष वाजपेयी ने बताया कि हरियाणा सरकार सरकार के रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2013 के दौरान हरियाणा में जहां कैंसर के कुल 11717 रोगियों की शिनाख्त की गई थी वहीं वर्ष 2016 में यह बढक़र 16 हजार 180 तक पहुंच गई। कैंसर से होने वाली मौत के मामले में रोहतक जिला सबसे आगे रहा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 के दौरान यहां 553 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इसका एक बड़ा कारण पीजीआईएमएस में दूसरे जिलों तथा पड़ोसी राज्यों से उपचार के लिए रोगियों का आना भी हो सकता है।
हरियाणा में कैंसर से होने वाली मौत के मामले में दूसरे नंबर पर यमुनानगर जिला आता है जहां वर्ष 2016 के दौरान 532 तथा तीसरे नंबर पर 315 कैंसर रोगियों की मौत के साथ जिला सोनीपत आता है। मेडिकल सांइस ने आगामी दो वर्षों के भीतर कैंसर के नए मामलों में 70 फीसदी तक वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। 
डाक्टर सौरभ गुप्ता के अनुसार हरियाणा में रोहतक, करनाल, यमुनानगनर, सोनीपत, फतेहाबाद, सिरसा, गुरुग्राम व फरीदाबाद आदि जिलों को कैंसर के मामले में बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरूषों में इस समय सबसे अधिक फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लीवर का कैंसर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है।



Responses

Related News

तो अब ड्रोन से दवाइयां और ब्लड सप्लाई करेगी सरकार

तो अब ड्रोन से दवाइयां और ब्लड सप्लाई करेगी सरकार

तेलंगाना सरकार ने हेल्थनेट ग्लोबल लिमिटेड के साथ साझा रूप से ड्रोन से दवाइयां, खून और अन्य मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने संबंधी पायलट प्रोजेक्ट के लिए समझौता किया है। बता दें कि वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम सेंटर ने चौथे इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन नेटवर्क के लिए घोषणा की कि तेलंगाना में मेडिसिन फ्रॉम द स्काई नामक अभिनव ड्रोन-डिलीवरी प्रोजेक्ट सिस्टम शुरू करेगा। प्रोजेक्ट में खून, टीके, मेडिकल सेम्पल्स और अंगों के लिए ड्रोन आधारित डिलीवरी का व्यापक अध्ययन होगा।

दवाओं पर होगी फार्मेसी काउंसिल की निगरानी, 300 केंद्र बनेंगे

दवाओं पर होगी फार्मेसी काउंसिल की निगरानी, 300 केंद्र बनेंगे

दवाओं के साइड इफेक्ट की जानकारी रखने की सरकारी प्रक्रिया में फार्मेसी काउंसिल (पीसीआई) भी भागीदार होगी। पीसीआई ने फिलहाल 300 केंद्र बनाने का फैसला किया है। ये केंद्र जिला और अन्य सरकारी अस्पतालों में बनाए जा रहे हैं। पीसीआई ने एक ऐप भी बनाया है जिसकी मदद से रोगी और डॉक्टर किसी भी दवा के साइड इफेक्ट्स की जानकारी सरकार को दे सकते हैं।

सैन्य अस्पताल की सप्लाई में हरियाणा की दवा कंपनी का खोट

सैन्य अस्पताल की सप्लाई में हरियाणा की दवा कंपनी का खोट

सामान्य अस्पतालों की सप्लाई में दवा कंपनियों की कारगुजारियां अकसर सामने आती है लेकिन अब सैन्य अस्पताल में भी दवा कंपनी का खोट सामने आया है। दवा निर्माता कंपनी ने जालंधर के सैन्य अस्पताल को जो दवा सप्लाई की थी, उसके बिल पर अंकित और दवा के बैच नंबर में अंतर है। यानि किसी और बैच नंबर की दवा सप्लाई की गई और दवा निर्माता कंपनी ने बिल दूसरे बैच नंबर का बना कर फरीदाबाद की दवा वितरक कंपनी को भेज दिया।

दवा उद्योग पर आफत : 20 कंपनियों में प्रोडक्शन पर रोक, कईयों को नोटिस

दवा उद्योग पर आफत : 20 कंपनियों में प्रोडक्शन पर रोक, कईयों को नोटिस

बार-बार सैंपल फेल होने पर दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हिमाचल के 20 दवा उद्योगों में प्रोडक्शन बैन कर दिया है जबकि आधा दर्जन उद्योग संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। इसका कारण छह महीने के दौरा 67 दवाओं के सैंपल फेल होना बताया गयाहै। इतना ही प्राधिकरण ने ऐसे 100 उद्योगों की सूची बनाई और जांच-पड़ताल के बाद यह बड़ी कार्रवाई की है जिससे हडक़ंप मच गया है। ये उद्योग सोलन के बीबीएन, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में संचालित है।