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चार लैब के लिए 20 करोड़ जारी, सात साल बाद भी शुरू नहीं

जयपुर : प्रदेश सरकार ने सात साल पहले जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर में ड्रग टेस्टिंग लैब खोलने की घोषणा कर 20 करोड़ रुपये बजट जारी किया था। लेकिन सात साल बाद यहां केवल भवन ही बने है, स्टाफ-उपकरण तक नहीं खरीदे है। लैब नहीं खुलने से वहां के दवाओं के सैंपल जयपुर लाने पड़ रहे है। नकली दवाओं को रोकने और नमूनों की पेंडेंसी कम करने के लिए जोधपुर, उदयपुर व बीकानेर में नई ड्रग टेस्टिंग लैब नहीं होने से  जिम्मेदार अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठने लगे है। बीकानेर में 2014, जोधपुर और उदयपुर में 2017 में भवन बनकर तैयार है। मेन पावर व उपकरणों की कमी के चलते दवाओं की जांच करने वाली तीनों लैब शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में जयपुर की सेठी कॉलोनी स्थित एकमात्र सरकारी ड्रग टेस्टिंग लैब पर मौजूदा हालात में 5 हजार 300 दवाओं के नमूनो की जांच पेडिंग है। पेंडेंसी का आलम यह है कि औषधि नियंत्रण विभाग ने जिस दवा का सैंपल लिया है, जब तक उसकी जांच रिपोर्ट आएगी, तब तक वह दवा हजारों मरीजों में बंट चुकी होती है।



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