BREAKING NEWS:
  • Saturday, 21 Dec, 2024
  • 9:39:14 PM

चार लैब के लिए 20 करोड़ जारी, सात साल बाद भी शुरू नहीं

जयपुर : प्रदेश सरकार ने सात साल पहले जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर में ड्रग टेस्टिंग लैब खोलने की घोषणा कर 20 करोड़ रुपये बजट जारी किया था। लेकिन सात साल बाद यहां केवल भवन ही बने है, स्टाफ-उपकरण तक नहीं खरीदे है। लैब नहीं खुलने से वहां के दवाओं के सैंपल जयपुर लाने पड़ रहे है। नकली दवाओं को रोकने और नमूनों की पेंडेंसी कम करने के लिए जोधपुर, उदयपुर व बीकानेर में नई ड्रग टेस्टिंग लैब नहीं होने से  जिम्मेदार अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठने लगे है। बीकानेर में 2014, जोधपुर और उदयपुर में 2017 में भवन बनकर तैयार है। मेन पावर व उपकरणों की कमी के चलते दवाओं की जांच करने वाली तीनों लैब शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में जयपुर की सेठी कॉलोनी स्थित एकमात्र सरकारी ड्रग टेस्टिंग लैब पर मौजूदा हालात में 5 हजार 300 दवाओं के नमूनो की जांच पेडिंग है। पेंडेंसी का आलम यह है कि औषधि नियंत्रण विभाग ने जिस दवा का सैंपल लिया है, जब तक उसकी जांच रिपोर्ट आएगी, तब तक वह दवा हजारों मरीजों में बंट चुकी होती है।



Responses

Related News

तो अब ड्रोन से दवाइयां और ब्लड सप्लाई करेगी सरकार

तो अब ड्रोन से दवाइयां और ब्लड सप्लाई करेगी सरकार

तेलंगाना सरकार ने हेल्थनेट ग्लोबल लिमिटेड के साथ साझा रूप से ड्रोन से दवाइयां, खून और अन्य मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने संबंधी पायलट प्रोजेक्ट के लिए समझौता किया है। बता दें कि वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम सेंटर ने चौथे इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन नेटवर्क के लिए घोषणा की कि तेलंगाना में मेडिसिन फ्रॉम द स्काई नामक अभिनव ड्रोन-डिलीवरी प्रोजेक्ट सिस्टम शुरू करेगा। प्रोजेक्ट में खून, टीके, मेडिकल सेम्पल्स और अंगों के लिए ड्रोन आधारित डिलीवरी का व्यापक अध्ययन होगा।

दवाओं पर होगी फार्मेसी काउंसिल की निगरानी, 300 केंद्र बनेंगे

दवाओं पर होगी फार्मेसी काउंसिल की निगरानी, 300 केंद्र बनेंगे

दवाओं के साइड इफेक्ट की जानकारी रखने की सरकारी प्रक्रिया में फार्मेसी काउंसिल (पीसीआई) भी भागीदार होगी। पीसीआई ने फिलहाल 300 केंद्र बनाने का फैसला किया है। ये केंद्र जिला और अन्य सरकारी अस्पतालों में बनाए जा रहे हैं। पीसीआई ने एक ऐप भी बनाया है जिसकी मदद से रोगी और डॉक्टर किसी भी दवा के साइड इफेक्ट्स की जानकारी सरकार को दे सकते हैं।

सैन्य अस्पताल की सप्लाई में हरियाणा की दवा कंपनी का खोट

सैन्य अस्पताल की सप्लाई में हरियाणा की दवा कंपनी का खोट

सामान्य अस्पतालों की सप्लाई में दवा कंपनियों की कारगुजारियां अकसर सामने आती है लेकिन अब सैन्य अस्पताल में भी दवा कंपनी का खोट सामने आया है। दवा निर्माता कंपनी ने जालंधर के सैन्य अस्पताल को जो दवा सप्लाई की थी, उसके बिल पर अंकित और दवा के बैच नंबर में अंतर है। यानि किसी और बैच नंबर की दवा सप्लाई की गई और दवा निर्माता कंपनी ने बिल दूसरे बैच नंबर का बना कर फरीदाबाद की दवा वितरक कंपनी को भेज दिया।

दवा उद्योग पर आफत : 20 कंपनियों में प्रोडक्शन पर रोक, कईयों को नोटिस

दवा उद्योग पर आफत : 20 कंपनियों में प्रोडक्शन पर रोक, कईयों को नोटिस

बार-बार सैंपल फेल होने पर दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हिमाचल के 20 दवा उद्योगों में प्रोडक्शन बैन कर दिया है जबकि आधा दर्जन उद्योग संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। इसका कारण छह महीने के दौरा 67 दवाओं के सैंपल फेल होना बताया गयाहै। इतना ही प्राधिकरण ने ऐसे 100 उद्योगों की सूची बनाई और जांच-पड़ताल के बाद यह बड़ी कार्रवाई की है जिससे हडक़ंप मच गया है। ये उद्योग सोलन के बीबीएन, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में संचालित है।