BREAKING NEWS:
  • Thursday, 25 Apr, 2024
  • 4:33:44 PM

दवा संकट : एम्म की दोनों प्राइवेट कमेस्टि शॉप बंद

नई दिल्ली:  खबर बिहार की राजधानी पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से जुड़ी है। यहां उपचार कराने आ रहे मरीजों को इन दिनों इलाज में दवाओं को लेकर परेशानी हो रही है। परिसर में मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही हैं। क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने परिसर में संचालित दोनों प्राइवेट दवा दुकानों को बंद कर दिया है। दोनों दवा दुकानों पर 20 से 30 प्रतिशत सस्ती दरों पर दवाएं मिला करती थी।  हालांकि एम्स प्रशासन की ओर से संचालित अमृत फॉर्मा और एक सरकारी केमिस्ट शॉप है, लेकिन इसमें दवाओं संकट है। डॉक्टरों की मांग के बाद भी ज्यादा इस्तेमाल होने वाली 53 दवाएं जो जरूरत की हैं, उनके लिए मरीज भटक पड़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, एक दिन में करीब 5000 मरीजों को दवाओं की जरूरत पड़ती है। 
               डॉक्टरों की मानें तो जेनेरिक दुकान में सबसे लो डोज की दवा है। अगर किसी मरीज को दिन में दो-तीन बार 50 एमजी की टैबलेट लेनी है तो दवा दुकान में 25 एमजी में उपलब्ध है. मरीज को दो टैबलेट खानी पड़ती हैं, तब डोज पूरा होता है। इसी प्रकार कई बीमारियों में कंबीनेशन ड्रग्स इस्तेमाल होते हैं। इनमें पर्ची पर एक दो दवा लिखने से काम चल जाता है।  मरीज को लगता है कि कम दवा दी है, लेकिन यहां पर कंबिनेशन ड्रग्स नहीं होने से मरीज को कई दवाएं लेनी होती हैं। 
             इस बारे में एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह  का कहना है कि दोनों ही दुकानें विवादों के घेरे में थी। पहले भी कई बार बंद करने के आदेश आ चुके हैं। अमृत दवा दुकान में कम दवा की परेशानी खत्म हो जायेगी। एम्स प्रशासन खुद सरकारी दवा दुकान खोलने जा रहा है।



Responses

Related News

तो अब ड्रोन से दवाइयां और ब्लड सप्लाई करेगी सरकार

तो अब ड्रोन से दवाइयां और ब्लड सप्लाई करेगी सरकार

तेलंगाना सरकार ने हेल्थनेट ग्लोबल लिमिटेड के साथ साझा रूप से ड्रोन से दवाइयां, खून और अन्य मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने संबंधी पायलट प्रोजेक्ट के लिए समझौता किया है। बता दें कि वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम सेंटर ने चौथे इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन नेटवर्क के लिए घोषणा की कि तेलंगाना में मेडिसिन फ्रॉम द स्काई नामक अभिनव ड्रोन-डिलीवरी प्रोजेक्ट सिस्टम शुरू करेगा। प्रोजेक्ट में खून, टीके, मेडिकल सेम्पल्स और अंगों के लिए ड्रोन आधारित डिलीवरी का व्यापक अध्ययन होगा।

दवाओं पर होगी फार्मेसी काउंसिल की निगरानी, 300 केंद्र बनेंगे

दवाओं पर होगी फार्मेसी काउंसिल की निगरानी, 300 केंद्र बनेंगे

दवाओं के साइड इफेक्ट की जानकारी रखने की सरकारी प्रक्रिया में फार्मेसी काउंसिल (पीसीआई) भी भागीदार होगी। पीसीआई ने फिलहाल 300 केंद्र बनाने का फैसला किया है। ये केंद्र जिला और अन्य सरकारी अस्पतालों में बनाए जा रहे हैं। पीसीआई ने एक ऐप भी बनाया है जिसकी मदद से रोगी और डॉक्टर किसी भी दवा के साइड इफेक्ट्स की जानकारी सरकार को दे सकते हैं।

सैन्य अस्पताल की सप्लाई में हरियाणा की दवा कंपनी का खोट

सैन्य अस्पताल की सप्लाई में हरियाणा की दवा कंपनी का खोट

सामान्य अस्पतालों की सप्लाई में दवा कंपनियों की कारगुजारियां अकसर सामने आती है लेकिन अब सैन्य अस्पताल में भी दवा कंपनी का खोट सामने आया है। दवा निर्माता कंपनी ने जालंधर के सैन्य अस्पताल को जो दवा सप्लाई की थी, उसके बिल पर अंकित और दवा के बैच नंबर में अंतर है। यानि किसी और बैच नंबर की दवा सप्लाई की गई और दवा निर्माता कंपनी ने बिल दूसरे बैच नंबर का बना कर फरीदाबाद की दवा वितरक कंपनी को भेज दिया।

दवा उद्योग पर आफत : 20 कंपनियों में प्रोडक्शन पर रोक, कईयों को नोटिस

दवा उद्योग पर आफत : 20 कंपनियों में प्रोडक्शन पर रोक, कईयों को नोटिस

बार-बार सैंपल फेल होने पर दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हिमाचल के 20 दवा उद्योगों में प्रोडक्शन बैन कर दिया है जबकि आधा दर्जन उद्योग संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। इसका कारण छह महीने के दौरा 67 दवाओं के सैंपल फेल होना बताया गयाहै। इतना ही प्राधिकरण ने ऐसे 100 उद्योगों की सूची बनाई और जांच-पड़ताल के बाद यह बड़ी कार्रवाई की है जिससे हडक़ंप मच गया है। ये उद्योग सोलन के बीबीएन, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में संचालित है।