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दवा संकट : एम्म की दोनों प्राइवेट कमेस्टि शॉप बंद

नई दिल्ली:  खबर बिहार की राजधानी पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से जुड़ी है। यहां उपचार कराने आ रहे मरीजों को इन दिनों इलाज में दवाओं को लेकर परेशानी हो रही है। परिसर में मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही हैं। क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने परिसर में संचालित दोनों प्राइवेट दवा दुकानों को बंद कर दिया है। दोनों दवा दुकानों पर 20 से 30 प्रतिशत सस्ती दरों पर दवाएं मिला करती थी।  हालांकि एम्स प्रशासन की ओर से संचालित अमृत फॉर्मा और एक सरकारी केमिस्ट शॉप है, लेकिन इसमें दवाओं संकट है। डॉक्टरों की मांग के बाद भी ज्यादा इस्तेमाल होने वाली 53 दवाएं जो जरूरत की हैं, उनके लिए मरीज भटक पड़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, एक दिन में करीब 5000 मरीजों को दवाओं की जरूरत पड़ती है। 
               डॉक्टरों की मानें तो जेनेरिक दुकान में सबसे लो डोज की दवा है। अगर किसी मरीज को दिन में दो-तीन बार 50 एमजी की टैबलेट लेनी है तो दवा दुकान में 25 एमजी में उपलब्ध है. मरीज को दो टैबलेट खानी पड़ती हैं, तब डोज पूरा होता है। इसी प्रकार कई बीमारियों में कंबीनेशन ड्रग्स इस्तेमाल होते हैं। इनमें पर्ची पर एक दो दवा लिखने से काम चल जाता है।  मरीज को लगता है कि कम दवा दी है, लेकिन यहां पर कंबिनेशन ड्रग्स नहीं होने से मरीज को कई दवाएं लेनी होती हैं। 
             इस बारे में एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह  का कहना है कि दोनों ही दुकानें विवादों के घेरे में थी। पहले भी कई बार बंद करने के आदेश आ चुके हैं। अमृत दवा दुकान में कम दवा की परेशानी खत्म हो जायेगी। एम्स प्रशासन खुद सरकारी दवा दुकान खोलने जा रहा है।



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