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इंडिया फार्मा 2019 में खुला राज- फार्मास्युटिकल क्षेत्र को 3 लाख करोड़ का बाजार बनाने में जुटा रसायन मंत्रालय

इंडिया फार्मा 2019 में खुला राज- फार्मास्युटिकल क्षेत्र को 3 लाख करोड़ का बाजार बनाने में जुटा रसायन मंत्रालय
 
-"इंडिया फार्मा 2019 और इंडिया मेडिकल डिवाइस" का बैंगलुरू में आयोजन
 
-भारतीय चिकित्‍सा उपकरण बाजार 2025 तक बढ़कर 50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान: सदानंद गौड़ा
 
-सरकार भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र को 3 लाख करोड़ का बाजार बनाने में मदद करने के उपाय कर रही है : मंडाविया
 
नई दिल्ली।      केन्‍द्रीय रसायन और उर्वरक, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री, डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि भारत उच्च गुणवत्ता वाली जन औषधियों के विनिर्माण में शीर्ष स्‍थान पर बरकरार है। सरकार का ध्यान सभी के लिए सस्‍ती स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार लाने पर केंद्रित है। सरकार दुनिया में सबसे बड़े सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम ‘आयुष्‍मान भारत’ में योगदान पर ध्‍यान दे रही है।  श्री गोड़ा आज बेंगलुरू में ‘फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस’ के बारे में भारत के सबसे बड़े वैश्विक सम्मेलन के चौथे संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन राज्य मंत्री, श्री मनसुख एल मंडाविया भी उपस्थित थे।
                     इस सम्मेलन में रूस, केन्या, ब्रिटेन, मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और उजबेकिस्तान सहित लगभग 30 से अधिक देशों के ड्रग नियामकों ने भाग लिया। इसके अलावा, इस आयोजन में पूरे देश के 15 राज्यों के ड्रग नियामकों की भागीदारी भी देखी गई। भारत सरकार और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और फार्मास्युटिकल और चिकित्‍सा उपकरण क्षेत्र के उद्योग जगत के दिग्गज भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
                    इस कार्यक्रम का आयोजन रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल्स विभाग (डीओपी) फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के साथ मिलकर कर रहा है। 'इंडिया फार्मा 2019' का विषय है गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और 'इंडिया मेडिकल डिवाइस 2019' का विषय है वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल को प्राप्‍त करने के लिए विकास को गति प्रदान करना। यह सम्‍मेलन सरकार का देश के नागरिकों को सस्‍ती गुणवत्‍ता युक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य सेवा उपलब्‍ध कराने तथा भारतीय फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस उद्योग को बढ़ावा देते हुए मेक इंन इंडिया को प्रोत्‍साहन देने का प्रयास है।
 
                   अपने संबोधन में श्री गौड़ा ने पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री स्‍वर्गीय अनंत कुमार को स्मरण करते हुए कहा कि उनका विजन इस सम्‍मेलन के माध्‍यम से फार्मा और चिकित्‍सा उपकरण उद्योग के सभी हित धारकों को एक मंच पर लाना तथा इस उद्योग के मुद्दों का निपटान करके बाधाओं को दूर करने के लिए नीति परिवर्तन करने में सरकार की मदद करना था। उन्‍होंने कहा कि भारत उच्च गुणवत्ता वाली जन औषधियों के विनिर्माण और आपूर्ति में अपने शीर्ष स्‍थान पर बरकरार है। सरकार के उपायों से निर्यात में सुधार होने से फार्माक्षेत्र की प्रगति हुई है। फार्मा उद्योग में निकट भविष्‍य में 15 प्रतिशत सीएजीआर की प्रगति होने की उम्‍मीद है। चिकित्‍सा उपकरण का बाजार भी 2025 तक बढ़कर 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। अपने संबोधन ने मंडाविया ने ‘आयुष्मान भारत’ जैसी पहल के माध्यम से सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे उल्‍लेखनीय कार्यकी सराहना करते हुए कहा कि सरकार भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रूपये का बाजार बनाने में मदद करने के प्रयास कर रही है। सरकार ने भारत में स्वदेशी एपीआई उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
                   भारत में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हैंक‍ बेकेडम ने कहा कि चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन विनिर्माण मानकों के उन्‍नयन में  इस क्षेत्र को तकनीकी सहायता उपलब्‍ध करायेगा। 



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