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कुछ ही दिन में बदलेंगे ई-फार्मा के नियम: डीसीजीआई का निर्णय

नई दिल्ली  -ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनियों पर केंद्र सरकार द्वारा शिकंजा कसे जाने की तैयारी है। संभवतः इस साल के अंत तक इसके लिए केंद्र सरकार नियम तय कर सकती है। भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल एस एस्वावा रेड्डी ने बताया कि इसका उद्देश्य देश भर में ऑनलाइन बिक्री को विनियमित करना है। इसके साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि रोगियों को विश्वसनीय पोर्टल से सही दवाई उपलब्ध हो सके। वे ग्लोबल वेंचर कैपिटल शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इ-फार्मेसी के माध्यम से दवा बिक्री से सम्बंधित नियमो का मसौदा सितम्बर माह में जारी किया था। इस मामले में विस्तार पूर्वक विचार-विमर्श किया गया है। डीसीजीआई ने कहा की अभी सबसे बड़ी कठिनाई यह आ रही है कि ऑनलाइन फार्मेसी के लिए कोई नियम और मानक नहीं है। लकिन दिसंबर माह के अंत तक इससे सम्बंधित नियमो को अंतिम रूप दिया जाएगा। इनसे निवेसकों को सेक्टर के जोखिम को समझने में मदद मिलेगी और निवेश का फायदा भी मिलेगा। उन्होंने कहा की ऐसी दवाई जिनके सेवन से लोग आदि हो जाते है उन्हें इ-फार्मेसी के माद्यम से बेचने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। नियमो के अनुसार जब तक इ फार्मेसी का पोर्टल रजिस्टर्ड नहीं होगा उसे ऑनलाइन दवाई बेचने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। इ-फार्मेसी के कारोबार के लिए सेंट्रल लइकेन्सिंग अथॉरिटी से पंजीकरण भी जरुरी है।
 
 



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