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एच एस सी डी ए बनाम एच सी डी ए वैचारिक मतभेद का फायदा उठा रही हैं दवा कम्पनियां

चंडीगढ़ :- हरियाणा स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन जिसका ए आई ओ सी डी से मान्यता प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय संस्था का अभिन्न अंग होने से राष्ट्रीय संस्था को ताकत मिलती है वहीं राज्य भर के दवा व्यवसाइयों के व्यापारिक समस्या समाधान हेतु मार्ग प्रशस्त होता है । वहीं संगठन की ताकत भी 2 गुना हो जाती है । परंतु कुछ महीनों से हरियाणा स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन से कुछ वैचारिक मतभेदों के चलते हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले कुछ दवा व्यवसाई अपनी महत्वकांक्षाओं को लेकर इकट्ठे हुए और अपना और संवैधानिक चुनाव करवाकर अपने आप को राज्य स्तरीय सक्षम संगठन बताना शुरू कर दिया । इतना ही नहीं अपने हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के लेटर पैड पर स्वयं को राष्ट्रीय संस्था से मान्यता प्राप्त दी दर्शाना शुरू कर दिया यह मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष महासचिव सहित संगठन सचिव तथा कई राज्यों के पदाधिकारियों के संज्ञान में है । राष्ट्रीय कार्यालय से जब इस बारे जानकारी चाहिए कि आपने जहां हरियाणा स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन को अपना अभिन्न अंग मान्यता सार्वजनिक की हुई है वहीं हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय कार्यालय से स्वयं को मान्यता प्राप्त लिखा हुआ है तो राष्ट्रीय कार्यालय ने हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन से कोई भी वास्ता ना होने की बात बताई । इतना ही नहीं उन्होंने बताया की हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन एक असंवैधानिक संस्था है । जिसका राष्ट्रीय कार्यालय से कोई सरोकार नहीं परंतु कोई तो है जो इस असंवैधानिक संस्था के सदस्यों को पर्दे के पीछे से संचालित कर रहा है । तथा दवा निर्माता कंपनियों को दिशा निर्देश जारी कर रहा है कि हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ही सर्वमान्य है ऐसे में दवा निर्माता कंपनियां 1 को ना दूसरे को कुछ भी तवज्जो दे रही हैं । वही किसी भी कार्य को करने के लिए मनमानी करते हुए यदि एक या दूसरी यूनिट किसी भी व्यापारिक समस्या के समाधान हेतु संपर्क में आती है तो उन्हें दूसरी संस्था द्वारा विरोध उठाने की बात सामने ला काम में अड़ंगा डाल देते हैं । और कंपनियां अपने नियमों के अनुसार संगठन की अहमियत को शून्य कर काम कर रही हैं । जिससे आम दवा विक्रेता का पूरा नुकसान हो रहा है । हरियाणा स्टेट  केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी सदस्यों का व्यापारिक समस्या समाधान हेतु राष्ट्रीय कार्यालय के माध्यम से हल निकलवा लेते हैं परंतु इससे उनकी मेहनत 2 गुना बढ़ जाती है । जबकि वह एक संवैधानिक रूप से राष्ट्रीय संगठन का अभिन्न अंग हैं तो वह सूक्ष्म समस्या के लिए राष्ट्रीय कार्यालय की ओर देखें यह उन्हें भी अखरता है। क्या किसी एक राज्य में दो यूनिटों को मान्यता मिल सकती है । इस बारे कई राज्यों के पदाधिकारियों ने इसे नामुमकिन बताया और हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की वैद्यता पर अचंभा भी दर्शाया और हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की वैधता पर अचंभा भी दर्शाया जब हरियाणा स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन को राष्ट्रीय कार्यालय से कोलकाता में हुई राष्ट्रीय  बैठक में सभी राज्यों की सहमति के पश्चात लिखित रुप से मानता मिल चुकी है । और उनका पूर्व राष्ट्रीय महासचिव द्वारा लगाया गया एबियानज़ खत्म हो चुका है तो ऐसे में किसी भी अन्य बैनर द्वारा स्वयं को राष्ट्रीय संस्था ए आई ओ सी डी द्वारा मान्यता प्राप्त लिखना जहां असंवैधानिक है वहीं राष्ट्रीय कार्यालय को ठेंगा दिखाने समान है कि वह इस असंवैधानिक यूनिट का कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रहे मौजूदा समय की मांग है  कि राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग कर हरियाणा स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का पूर्ण मान सम्मान वापिस लौट आए तथा दवा निर्माताओं में भी एक सार्थक संदेश प्रेषित हो ।



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