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मेडिकल कालेज खोलने के सरकारी फैसले पर शक

         
            मोदी सरकार ने फ़ैसला किया है कि अगले तीन साल में 75 नए मेडिकल कालेज खोले जाएंगे। 24000 करोड़ की राशि ख़र्च होगी। 75 नए कालेजों से मेडिकल में सीटों की संख्या 15,700 बढ़ जाएगी। सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया कि पांच साल में 82 मेडिकल कालेज सेट-अप किए गए हैं। 75 नए मेडिकल कालेज उन ज़िलों में खोले जाएंगे जहां पर मेडिकल कालेज नहीं है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले पांच साल में 82 नए मेडिकल कालेजों को मंज़ूरी दी है और 45,000 सीटें नई बढ़ाई हैं। इसमें एम बी बी एस और पोस्ट ग्रेजुएशन की भी सीटें शामिल हैं। अब अगले तीन साल में 75 मेडिकल कालेजों को मंज़ूरी दी गई है। 
 
            अच्छी बात है। बजट में इसकी कोई घोषणा नहीं थी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 2018-19 के संशोधित बजट में बजट से एक नया पैसा नहीं है। 2019-20 के बजट में भी एक पैसा नहीं है। 2018-19 के बजट में 3285 का प्रावधान था जो बाद में संशोधित बजट में सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के खाते में चला गया। प्रेस कांफ्रेंस में डिटेल बताने की सुविधा नहीं होती है, हो सकता है पैसे के बारे में बाद में विस्तार से पता चले। फरवरी 2019 में टाइम्स आफ इडिया में न्यूज़ छपी है। यह रिपोर्ट नीमच के आर टी आई कार्यकर्ता को मिली जानकारी के आधार पर है। इसके अनुसार मध्य प्रदेश में पिछले चार साल में 2015-19 के बीच राज्य में कोई नई सीट नहीं जुड़ी है। यही नहीं पूरे देश भर के मेडिकल कालेजों में 920 सीटें मंज़ूरी की गई हैं। मेडिकल कालेजों में। 
 
            इसी वक्त इंडिया टुडे भी इस आर टी आई की सूचना के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित करता है। राजस्थान और आंध्र प्रदेश में मात्र 50 सीटें मंज़ूर की गईं। कर्नाटक में 550 सीटें मंज़ूरी की गई थीं लेकिन 350 ही सृजित हो सकीं। झारखंड, मध्य प्रदेश, तमिलनाड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में कोई सीट नहीं जुड़ी। मध्यप्रदेश के चार सरकारी अस्पतालों में 450 सीटें जोड़ी जानी थी, 108 करोड़ की राशि भी मंज़ूर हुई मगर तीन साल में एक भी सीट नई नहीं जुड़ी। केंद्र ने तमिलनाडु को 82 करोड़ की राशि दी। मगर एक भी सीट नहीं जुड़ी।  रिपोर्ट कहती है कि केंद्र सरकार ने 36 मेडिकल कालेजों को 2615 मेडिकल सीटें बढ़ाने की मंज़ूरी दी थी लेकिन खास प्रगति नहीं हुई। सरकार ने 2015-18 के बीच 12 राज्यों को मेडिकल सीटें बढ़ाने के लिए 685 करोड़ दिए थे। लेकिन प्रगति उस तरह से नहीं हुई। 
 
            इस जून में टाइम्स आफ इंडिया की एक रिपोर्ट है। उसके अनुसार मध्य प्रदेश में 3 नए मेडिकल कालेज खुले हैं। 2017 तक मध्य प्रदेश में एम बी बी एस की 800 सीटें थीं जो अब बढ़कर 2750 सीटें हो गई हैं। 2000 सीटें 13 सरकारी मेडिकल कालेजों की हैं।   इसी जुलाई स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोकसभा में बताया है कि 2017-18 और 2018-19 में 5,250 नई मेडिकल सीटें जोड़ी गईं। 2019-20 में 10,565 सीटें जोड़ी गईं। सारी सीटें अंडर ग्रेजुएट की है। दो साल में मेडिकल कालेज में 24698 सीटों की वृद्धि हुई है।  ज़ाहिर है स्वास्थ्य मंत्री की जानकारी और आर टी आई से मिली जानकारी पर जो रिपोर्ट छपी है, दोनों में काफी अंतर है। एक जगह पढ़ने को मिला कि एक मेडिकल सीट बनाने में 1 करोड़ 20 लाख का ख़र्च आता है।
 
रवीश की वाल से...



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