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अपने टॉप रिसर्चरो को विदेशों से बुलाए भारत तभी पेटेंट में कर सकेंगे चीन का मुकाबला

रोहतक - पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी द्वारा सोमवार को लैक्चर थियेटर वन में पेटेंट विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन करवाया गया। सेमिनार का शुभारंभ डीन डॉ. सरिता मग्गू, डॉ.एम.सी. गुप्ता व फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ. गजेंद्र सिंह ने दीप प्रज्जवलित करके किया। मंच का संचालन डॉ. एम.सी. गुप्ता ने किया।  इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए डॉ. सरिता मग्गू ने कहा कि डॉ. गजेंद्र सिंह कोर्डिनेटर आईक्यूएसी द्वारा आज जो यह सेमिनार आयोजित करवाया गया है, उसका विषय बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ नया करते हैं, हमें उसके बारे में पता होना चाहिए कि उसको पेटेंट कैसे करवाया जा सकता है। डॉ. एम.सी. गुप्ता ने कहा कि चाइना आज पेटेंट के मामले में सबसे शिखर पर है, जिसका सबसे बडा कारण है कि उन्होंने विदेशों मे कार्य कर रहे अपने टॉप के रिसर्चरों को वापिस अपने देश में बुलाया। उन्होंने कहा कि विदेशों मे बडी बडी कंपनियों मे भारतीय ही रिसर्च कर रहे हैं और यदि वें वही रिसर्च वापिस अपने देश में आकर करेंगे तो अपना देश भी पेटेंट में काफी अग्रणीय रहेगा। डॉ.एम.सी. गुप्ता ने कहा कि हमें पहले वाली रिसर्च से कुछ अलग करना चाहिए। फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि सेमिनार में बाहर से आए तीन विशेषज्ञों ने पेटेंट के उपर व्याख्यान दिए। उन्होंने बताया कि प्रो. ए.के. मदान ने बताया कि युवाओं को अधिक से अधिक रिसर्च में हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने तीन पी के बारें मे छात्रों को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि कई विश्वविद्यालयों को एमओयू करके एक दूसरे विभागों के सहयोग से रिसर्च करनी चाहिए। डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रो. रविंद्र एस जोली ने बताया कि हम किस प्रकार अपनी रिसर्च का टॉपिक तैयार करें। उन्होंने बताया कि पेटेंट क्या होता है व विदेशों में इसे करवाने पर इसकी कितनी लागत आती है। तीसरे वक्ता डॉ. राहुल तनेजा ने बताया कि किसी को कसम खिलाकर सच्चाई का पता नहीं लगाया जा सकता, सच्चाई पेटेंट के माध्यम से व्यक्त करके मस्तिष्क संपदा अधिकार लिया जा सकता है। इस सेमिनार में 375 प्रतिभागियों ने शिरकत की। डॉ. गजेंद्र ने बताया कि सेमिनार बहुत सफल रहा और उसमें काफी विचार विमर्श हुए और युवा अध्यापकों व छात्रों ने अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। सेमिनार में डॉ. महाबीर ग्रेवान, डॉ. किरण, डॉ. रितू, डॉ. गीता अहलावत, डॉ. ज्योति यादव, डॉ. सुशीला, डॉ. नवीन खत्री, डॉ. मनीष ढल, डॉ. विरेंद्र, डॉ. सीमा, डॉ. ज्योत्सना, देवेंद्र सहित समस्त फार्मेसी कालेज का स्टाफ उपस्थित था।



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